बंगला नाटक : कभी बोलती थी तूती, दिग्गजों से सजता था मंच - Priya Prabhat
मनीषा बंगला साहित्यकारों की गतिविधियां लगभग ठप सी हैं। साहित्यिक गतिविधियों का केन्द्र रहा आदमपुर, भागलपुर बंग साहित्य परिषद का भवन खामोश सा है। यहां शरतचंद्र, बनफूल जैसे साहित्यकार जुटते थे। भागलपुर का बंगला नाटक लगभग खामोश हो चुका है। करीब एक शताब्